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Patanjali Vriddhivadhika Vati in Hindi: पतंजलि वृद्धिवाधिका वटी के फायदे नुकसान और उपयोग

पतंजलि वृद्धिवाधिका वटी के फायदे नुकसान / उपयोग और कीमत

Patanjali Vriddhivadhika Vati in Hindi
Patanjali Vriddhivadhika Vati in Hindi

क्या आप जानते हैं कि वृद्धिवधिका वटी क्या है और वृद्धिवधिका वटी का उपयोग किस लिए किया जाता है? नहीं? तो इस Patanjali Vriddhivadhika Vati in Hindi ब्लॉग पोस्ट में आपको इसकी पुरी जानकारी देने वाले हैं। वृद्धिवधिका वटी एक आयुर्वेदिक औषधि है, और वृद्धिवधिका वटी से रोगों का इलाज किया जाता है।

आयुर्वेद में Patanjali Vriddhivadhika Vati के बारे में कई अच्छी बातें लिखी हैं। वृद्धिवधिका वटी के इस्तेमाल से आप एक या दो नहीं बल्कि कई बीमारियों को ठीक कर सकते हैं। आइये जानते हैं कि आप वृद्धिवधिका वटी का कैसे कर सकते हैं।

वृद्धिवधिका वटी क्या है?

Patanjali Vriddhivadhika Vati का उपयोग अंडकोष के विकारों से संबंधित विभिन्न रोगों के उपचार के लिए किया जाता है। यह हर्निया आदि के इलाज के लिए पतंजलि द्वारा दी जाने वाली एक प्रमुख दवा है।

वृद्धिविधि वटी के फायदे

इस रोग के लिए आप Patanjali Vriddhivadhika Vati का उपयोग कर सकते हैं:-

वृषण विकार में वृद्धिवधि वटी के फायदे: Patanjali Vriddhivadhika Vati अंडकोष में वृद्धि संबंधी नए और पुराने सभी प्रकार के रोगों को नष्ट करती है। इस वटी के सेवन से हर्निया रोग में आराम मिलता है। Patanjali Vriddhivadhika Vati अंडकोश में वायु भरना, दर्द होना, नया दूषित रस निकलना, खून और पानी भरना आदि रोगों में लाभकारी है।

यदि अंडकोश में भरा पानी बहुत पुराना हो गया हो तो यह वटी उसमें अधिक लाभ नहीं करती। इस कारण से, ओव्यूलेशन होते ही इसका सेवन शुरू कर देना चाहिए ताकि बीमारी और न बढ़े।

वृद्धिवधिका वटी खुराक

Patanjali Vriddhivadhika Vati का उपयोग इस प्रकार किया जा सकता है:-

  • 250 मिली,
  • अनुपान- जल, हरड़ का काढ़ा

कदम्ब के पत्तों या अरंडी के पत्तों पर घी का लेप लगाएं। इसे हल्का गर्म करके अंडकोश के चारों ओर लपेटें और कपड़े से बांध लें। इस Patanjali Vriddhivadhika Vati से बुढापे की शूरआत में बोहत लाभ मिलता है।


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